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Wednesday, February 27, 2013

राशि शृंखला कर्क राशि / भाग ५


राशि शृंखला कर्क राशि / भाग ५

कर्क राशि जल तत्व राशि है
स्त्री राशि चार राशि है
राशि का स्वामि चन्द्र है
बोध चिन्ह : केखडा
अक्षर : ही ह् हु हो डा दि डू दे डो

कर्क का अकार केकडे के समान होता है, जो स्वभव् से सहिष्णु और सःअन्शील् होते है। ठिक यहि स्वभाव् इस से संबंधित जातको का होता है। वे अपने ऊपर् होते उए अत्याचारों को भी जान बुझकर सहन करते रेह्ते है तथा उफ़्फ़ तक नही करते। स्त्री राशि होने कि कारण कर्क राशि के जातक कुटुम्ब वत्सल होते है।

आप देखेंगे की इनका प्रेम अपने घर पर, घर के लोगों पर, मा बाबा, बच्चों पर रेह्ता है। दयाग्र, अंतःकरण की सान्सार सक्त ये कर्क राशि के जातक विशेषतः कीचन मे बहुत् रमति है। मे, मेरा, मुझे ऐसा हव्यास खत्म ही नही होता। आप देखेंगे की ऐसे व्यक्ति बच्चों से बहुत् ही कोमल भाषा मे वार्तालाप करते है। बच्चों की गल्तियों पर पर्दा डालना या दुर्लक्ष करने वालों मे से होते है।

आप देखेंगे की ये इस राशि के लोगो को स्वछ्ता बहुत् पसंद है। भावुक होने की वजह् से इनकी भाषा बोली बहुत् मिठी होती है।किसी से खडि बात नही कर सकते। आपने जरुर मेहसुस किया होगा की इस राशी के व्यक्ति बडे ही लेहरी, गम्भीर, भावना प्रधान होते है। थोडे संकोचि भी होते है। साथ् ही साथ् ये बहुत् परिश्रमी भी होते है। शारीरिक श्रम की अपेक्षा ये मानसिक श्रम मे ज्यादा विश्वास करते है और नित्य का कार्य नित्य निप्ताने मे विश्वास करते है। इन्हे अकाली प्रोढत्व आता है।

आप मेहसुस करेंगे इनके हसने बोलने सोम्यता और मादकता होती है। इनके जोडिदार हमेशा इन पर हुकुमत चलाते है। कर्क राशी के पुरुष भी घर पर रामने वालो मे से होते लेकिन कर्तुत्ववान भी होते है। हम बहुत् बार देखते है और मेहसुस करते है की कर्क के जातक कुछः ऐसे होते है की अन्तर्मन की हीनता की भावना भी प्रबल होती है। जरा सा भी कोइ कार्य इनकी रुचि के खिलाफ़् हो जाता है तो ये बहुत् हीनता की ग्रन्थि के शीकार हो जाते है। दुख या पीढा को ये घटा बढाकर देखना इनका स्वभाव् होता है।

कलादि क्षेत्रो मे ये गेह्री रुचि रखते है। संगीत नृत्य इनका प्रिय विषय होता है और कार्य व्यस्तता मे भी ये समय निकाल ऐसी जगह् पहुच जाते है,जाहा ऐसे आयोजन होते रेह्ते है।सदगुरुदेव केह्ते है की कर्क जातक शैक्षणिक एवं राजनैतिक क्षेत्र मे अधिक सफ़ल् होते है। व्यावसायिक शेत्र भी अच्हा कर लेते है पर फिर भी इन्हे इस पथ पर पग पग पर आलोचना का शिकार करना पडता है। इसका कारण इनका आती भावनात्मक होना। एक बडी रोचक बात बातचित मे ये जातक पटु होते है। संमोहन कला के सही ज्ञाता होते है ये कर्क के जातक। इन्हे भली प्रकार से प्रभावित करना आता है।

शारीरिक वर्णन : अपने देखेंगे की इन व्यक्तियो का चेहरा गोल, चन्द्रमुखी, मांसल देह्यष्टि, काली भोर आंखे, चेहरे पर सात्विक भाव, लम्बे व घनि काली केश्भुषा।

कार्यक्षेत्र : अध्यापक, बालवाडि, झुला घर, फल फुल सब्जी का व्यापार, एस्टेटे एजेटं, खाद्य पदार्थ, दुग्ध् व्यवसाय, कला शाखा, केटरिंग इत्यादि।

शरीर पर सत्ता : कर्क राशी का प्रभाव शरीर की पाचन संस्था, रक्त, छाती का पिन्जरा, फ़ेफ़्डे, स्तन।

सद्गुरुदेव जी ने इन जातको को इमानदार की संज्ञा भी दी है। न्याय के लिये प्रसिद्ध् होते है। इस लग्न के जातक न्यायाधीश भी देखे गये है। सफ़ेद् रंग का चुनाव इनके लिये श्रेष्ठ है इस से इनको सकार्त्मक उर्जा मिलति है। साथ् ही साथ् हल्के रंग को भी चयन कर सकते है।

अन्त मे फिर एक बार यहि केःन चाहुंगी की राशीयो की जानकारी से आप अपने आस पास के लोगों को सही रूप मे समज़् कर व्यवहार कर सकती है। इस से होने वाले फ़ायदे आप खुद अपने जीवन मे देख् सकेन्गे पर जरुरत है तो अजमा कर देखने की फिर देर किस बात की है।
अगले लेख मे अगली राशी.......


सरिता कुलकर्णी


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