This Blog is about Jyotish Basics, Nakshatra Jyotish, Vastu Vigyan, Ank Vigyan, Hastarekha Vigyan. This blog contain the real jyotish material meaning self experienced. By observational Methodology which is based on all the planetary and Moon transits of each nakshatra in whole month. After researching on only such events which have repeated pattern then tested with dictums collected from Jyotish classics Text.
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Saturday, September 1, 2012
किराए का माकन और वास्तु दोष - १
वास्तु शास्त्र को सच्चे संदर्भो में ऊर्जा विज्ञान भी कहा जा सकता है. इसे ‘स्थ्पात्यावेद’ भी कहते है. यह शास्त्र मनुष्य को प्रक्रति के अनुरूप चलने के लिए प्रेरित करता है. पंचमहाभूतो – पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु से इस् शरीर का निर्माण हुआ है और यही पञ्च तत्व प्रकृति में भी विद्यमान है. यद्यपि इनके अतिरिक्त अन्य कई ऊर्जा ए तत्व है जो हमारे जीवन को प्रभावित करते है परन्तु आधारभूत तत्व यही पञ्चतत्त्व है.
हमारे यहाँ पहले के ऋषि मुनियों बहुत पहले उन उर्जावान तत्वों की पहचान का ली थी. जिनके उचित समावेश से एक सुव्यवस्थित जीवन जिया जा सकता है. जो लोग किराये के मकान या अपार्टमेंट में रहते है उनके पास दरवाजे, रसोई घर, शौचालय, प्रवेश द्वार आदि को वास्तु के आधार पर परिवर्तित करने के लिए विकल्प नहीं होते है.
भारीपन (गुरुता) – यह पृथ्वी तत्व से संबंधित है.. भारी चीजे दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम व पश्चिम में रखी जानी चाहिए..
हल्कापन – यह जल तत्व से सम्बंधित है. हलकी चीजे पूर्व, उत्तर व ईशान (उत्तर –पूर्व) में राखी जाये तो लाभ हो सकता है.
यह सिद्धांत मकान के सभी कमरों पर सामान रूप से लागू होता है..
वायव्य वायु तत्व, आग्नेय अग्नि तत्व तथा कमरे का मध्य भाग आकाश तत्व को दर्शाता है.. आकाश तत्व अर्थात तत्व कमरे के मध्य को सदेव भारमुक्त तथा साफ़ सुथरा रखना चाहिए.
अब घर के मुख्यद्वार, रसोईघर, जल ईत्यादी के बारे में जानकारी अगले लेख में देखते है.
सरिता कुलकर्णी
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Nakshtra Jyotish
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