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Sunday, April 28, 2013

राशी शृंखला - धनु राशी / भाग 10


राशी शृंखला - धनु राशी / भाग 10

धनु राशी अग्नि तत्व की पुरुष राशी है।
द्विस्वभाव राशि।
राशी का स्वामि - गुरु
बोध चिन्ह : अर्ध अश्वाकृति धनुर्धारी पुरुष
अक्षर - भ, ध, फ, ध, य

धनु राशि के बारे मे लिखते हुए काहा है की यदि हम रात मे अगर आकाश मंडल को देखते है तो निहारिका पुंज से चित्र उभर कर सामने आता है वह ऐसा लगता है, मानो अश्व के सदृश्य जंघा वाला मनुष्य धनुष पर बाण चढाए हुए हुए खडा हु और लक्ष्य साधन कर रहा हो। संस्कृत ज्योतिष ग्रंथों मे कहा गया है, धनुश्च से धनुः पश्चाच्छरीरो हयः अर्थात शरीर का निम्न भाग अश्व के समान हो।

आज के युग मे सबसे बेहतर तरीके से जीवन जीने वाली ये धनु राशी के व्यक्तियो जीव्हा पर सरस्वती और बाहु मे रण चण्डी स्वतह् विद्यमान होती है। धनु राशी के व्यक्ति बुद्धिमान, आक्रामक, धाडसि वा कर्तुत्ववान होते है। मनुष्यता व पशुता का मध्य मेल इस राशी मे पाया जाता है। इसका बोध चिन्ह भी यहि दर्शाता है। इस राशी के व्यक्तियो मे बुद्धिमत्ता, विवेक, शौर्य इन तीनो का उत्तम मिलाप होता है। और इसी कारण समाज को ऐसे व्यक्तियो की अत्यन्त आवश्यकता है। दुसरे शब्दो मे ऐसा भी काहा जा सकता है की यहि वो राशी है जो समाज मे जगने लायक है। थोडी से स्वार्थि किस्म के धनु राशी के व्यक्ती अपना फ़ायदा तो देखते ही देखते है साथ् ही साथ् दूसरो का फ़ायदा भी करवाते है। और यहि गुण इन्हे आगे ले जाता है। इनको समाज सेवा की बहुत् रुचि होती है लेकिन इन्होने की हुइ समाज सेवा खुद का भरन पोषन करके ही की हुइ रहती है। ना ये मांगना पसंद करते है ना कोइ मांगे इन्हे भाता है।

धनु राशी के व्यक्तई क्रति प्रिय होते है। ये बहुत् फ़ुर्तिले, चुस्त, कार्य कुशल, दक्ष एवं निरन्तर अपने लक्ष्य की ओर चलने वाले होते है। ऐसे व्यक्तियो के स्वभाव और व्यवहार से कुछः ज्यादा ही दार्शनिक होते है। इनकी दार्शनिकता अनुभवो और पाठन कार्यो से आयी हुइ होती है। किसी भी प्रसंग से या संबंधो से गःरी आत्मीयता नही रखते, अपितु यथासंभव अपने आपको बचाये रखने की कोशिश करते है। अगर देखा जाये तो ब्रह्म, जीव, माया, आत्मा परमात्मा पर सहज ही बोलते लेते है। इनके पास शौर्य और क्षत्रिय व्रत्ति होती है। ये व्यक्ति किसी से घबराते नही। यह राशी द्विस्वभाव होने पर भी निश्चय किया हुआ प्रण पुरा करके ही छोडते है। धनु राशी के व्यक्ति आने वाली घटनाओ का अनुमान अचुक लगाते है।

धनु राशी की सबसे विशेष बात यह है की इन पर गुरु का वरध हस्त होता है इसलिये इह्ने इनकी अपेक्षा के मुताबिक यश मिलता है लेकिन बेजोड मेहनत के साथ् केहना ज्यादा उचित होगा। धनु राशी के व्यक्ति बहुत् ही मूडी होते है। समय के बडे पाबंद होते है। समय को ये विशेष महत्व देते है। और चाहते है की बाकी भी समय को महत्व दे। किसी भी दुखी की मदद करना ये अपना कर्तव्य समझते है और कयी बार तो ये अपने हितो के प्रति भी उदासीन से हो जाते है। परिश्रम मे विश्वास करते है और आराम कम से कम करते है। दिखावा करना इन्हे बिल्कुल पसंद नही आता। सादगी प्रिय होते है। इनके जीवन का ध्येय 'सादा जीवन उच्च विचार'।

शारीरिक वर्णन :- धनु लग्न के जातक स्थुलकाय, उच्च और विस्तरत ललाट, जरा दबी सी नाक, मोटे होंठो और सुनहरे बाल। आंखे पैनी होने के कारण भाप्ने की इनमे गजब् की शक्ति होती है। दूसरो की मन की बात ये बहुत् जल्दी समझ जाते है।

कार्यक्षेत्र :- दर्शन शास्त्र के प्रोफ़ेसर्, धार्मिक महान्त, उच्च कोटि के संत, होल्सेल् मार्केट, पोरोहित्य, खिलाडू, खेल प्रशीक्षक, विविध संस्थाओ के अधिकारी, प्राध्यापक, कुलगुरु, शिक्षक, कलेच्तर, दलाली, सट्टा बाजारी।

धनु राशी शरीर मे लिवर, जंघा, गाउत, हिप् बोन्स, पार्श्व भाग, वात पर अमल करती है।


सरिता कुलकर्णी
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Secrets Series of Zodiac sign – Sagittarius / Part 10


The Sagittarius / Fire Element / male sign / Triplicity of Dual nature

Lord of the Sign – Jupiter

Symbol – The signs symbolized by four-footed creature holding the bow and arrow known as Archer and noticeable part the partial look is human and rest animal. The front part display human body and back is of animal form. Its a perfect and balanced combination of human and animal.

While explaining about the zodiac sign Sagittarius Sadgurudev told, that when we observe the collection of stars in the sky we see the picture where in half human and half animal image comes out. It seems to be an image of a human having his partial body of horse and holding a bow and arrow with ready position of attack. In sanskrit jyotish granthas it has been mentioned, "Dhanushch se dhanuh paschaachchhreero hayah" means partial body refelcts as horse body.

In today's time the zodiac sign which is known as most survivable sign among all the rest one. Literally their tongue is blessed with goddess Sarasvati and physique with the power of Ranchandi. The sagittarians are so intelligent, aggressive, courageous and capable enough. we can see the perfect combination of humanity and bestiality. basically if we observe minutely the symbol also signifies the same. These people are superb package of intellectualism, consciousness and bravery. That's the reason they are utterly needed in society. In other words it can be said this is the one of the best sign which have the perfect combination to run the society in best form.

Well they are little bit self centered, who first see their benefits and then others. But along with doing such acts they always keep other's concern also in their mind. And this quality takes them to the heights of success. They can like doing social acts but their charity acts are like first fulfilling our needs and then others.They can also be a little inarticulate, caring more about making their point, than the elegance of the style in which it is made.

The sagittarians like to do work all the time. They are very enthusiastic, healthy, capable, proficient and continuously moving towards their aim. These types of people generally are very philosophical by their nature. But this philosophy is came from their experiences and thorough deep studies. by the way they dont get blow away with relationship and or any situation rather they try to escape from such situations. If we see, they can easily talk on the tedious subject like Brahma, Jeeva, Maaya, Atmaa parmaatma. They have superb fighting spirit. They are fearless. besides the dual element they can easily sticked to their decisions and takes it to the final stage. They are good interpreters.

The very special quality of Sagittarians is they blessed with the blessings of their supreme master. Therefore they get desired success in their ventures but endless hard work goes hand in hand. They are so moody, punctual and gives prime importance to time. And of course they wish that others also understands the importance of time. They believe in hardworking and takes rest in so small amount. They simply hates from showoff. Actually they likes to live simple life high thinking.

Physical attribute :- This sign consists little bit hefty body, broad forehead, small and bit flat nose, sleek medium size lips and goldenish hairs. Their sharp eyes and nose can smell any thing wrong and can read other minds thought.

Area of field :- Philosophy, Saint, Wholesale market, players, sports, sports instructor, high authorized managers, teachers, collector, broker.

This signs rely upon liver, thighs, gout, hip bones.

Sarita S Kulkarni

Sunday, April 14, 2013

राशी शृंखला - वृश्चिक राशी / भाग 9

राशी शृंखला - वृश्चिक राशी / भाग 9

वृश्चिक राशी जल तत्व की स्त्री राशी है।
स्थिर राशि।
राशी का स्वामि - मंगल
बोध चिन्ह : बिच्छु
अक्षर - तो ने नी नु णा णो या यि यु

संस्कृत का शब्द वृश्चिक का तात्पर्य है "बिच्छु"। यदि हम गगन मंडल मे खुली आंखो से भी वृश्चिक राशी खण्ड देखें, तो वहा की निहारिका पुन्ज का अकार ठिक वैसा ही होगा जैसा चित्र मे दिखाय गया है। वृश्चिक राशि के व्यक्ति जान पे जान देने वाले होते है लेकिन वक्त् पडने पर जान लेने वाले भी हो सकते है। हम मे से कई लोग ऐसे है जो देखते है की हमारे सम्पर्क मे आने वाले कभी कभी ऐसे व्यक्ति भी होते है जो उनका हक प्रेम रुपी शस्त्र से प्रस्थापित करते है। मूलतः वृश्चिक राशी व्यक्ति बहुत् ही प्रेमल, ममत्व दर्शाने वाली श्रद्धावान होते है।


सरवली मे इनके संबन्ध मे काहा है --

वृश्चिक लग्ने पुरुषः पीन पृथुव्यायतांग तीक्ष्णश्च
अन्तर्विशमः शूरो मातूरभीष्टो रणोघतस्यत्यागी । .
गंभीर पिंग्लोद्धत दृक्सु महाह्नन्निमग्न जठरस्च
अन्तर्वीलग्न घोणः साहस निरतः थिरश्चण्डः ।।
विश्वास हास्य वश्यः पित्तरुगार्तः कुटुम्ब संपन्नः
गुरु सुहृदां द्रोहरतः पराङ्गनाकर्षणा नुरतः।
वन्धोल्वणवक्षः स्याद् भूपति सेवी सशत्रु पकस्यात
प्रयतोर्थदः सुयुवतिधर्म प्रति वत्सलः क्षुद्रः ।।.


अर्थात जो वृश्चिक लग्न मे जन्म लेता है, वहा स्वस्थ शरीर, मोटा ताजा, ह्ष्ट पुष्ट एवं तेजस्वी होता है, मातृभक्त, कुटिल, संग्रामप्रिय, दाता, गंभीर, पिंगलवर्ण नेत्र, विस्तृत वक्षःस्थल, संकुचित पेट, चपटि नाक, साहसी, स्थिर, क्रोधि, विश्वासि, हास्य प्रिय, पित्तरोग से पीढित परिवार से परिपूर्ण, गुरुजनो का द्रोही, परस्त्रीगामी, सुन्दरमुख, राजा का सेवक, शत्रु वाला, सयंमी, धनी, सुन्दर स्त्री वाला, धर्मप्रिय किन्तु क्रुर होता है।


परन्तु यह पर सद्गुरुदेव जी ये केह्ते है की उपर्युक्त गुण न्युनाधिक्य रूप मे उन व्यक्तियों पर लागू हो सकते है, जिनका वृश्चिक लग्न क्षीन अंशो मे हो।

वृश्चिक लग्न प्रधान जातक का स्वभाव भी ठीक बिच्छु जैसा ही होता है। जो स्वभाव से ही बदला लेने वाला होता है। ज्यो ही इन्हे मौका मिलता है बदला लेने से नही चुकते। वैर ये भुलते नही और हमेशा ऐसे मौके की तलाश मे रेह्ते है जब् की बैर का बदल लिया जा सके। इसीलिये बालपन से होने वाले संस्कार बहुत् महत्वपूर्ण साबित होते है। इस बात का उन पर कुछः ज्यादा ही असर पडता है की आस पास का वातावरान क्या है कैसा है किस तरह् के व्यक्ति के देख् रेख् मे यह बडे होते है यह आती महत्वपूर्ण होता है इसका कारण इन का स्वभाव और राशी चिन्ह। इसलिये अगर इस राशी के व्यक्ति या तो संत ज्ञानेश्वर या हिट्लर हुए है। आप अतिरेक की सीमा देख् सकते है।


ये जातक बहुत् कष्टकारी और जीवन मे आवाहन स्वीकारने, दुख पचाने गरुड पक्षी के समान जागिरबाज् होते वाले वाले होते है। अपयश से हार जाने वाले कतयी नही होते। कुछः विशिष्ट मामलो मे बडे ही हट्टी, खूंशी और स्वत्वबोधक होते है। जो बात ठान लेते है वहा करके ही दम लेते है जरुरत पडने पर साम, दाम, दण्ड, भेद जैसे नियमो का अनुसरन कर अपना अभीष्ट पुरा कर ही लेते है। मन मे ठानी हुइ बात को पूर्ण करने के लिये ये किसी भी प्रकार के कष्ट लेने को तयार रेह्ते है। ध्येय प्राप्ति हेतु ये किसी भी रास्ते का वरन करने से नही चुकते। अगर सही तरिके से हो रहि है तो ठीक नही तो उन्गली टेढि करके भी घी निकाल जा सकता है।


वृश्चिक राशी के व्यक्ति जरा को राजकारनि वृत्ति के होते है। ये अच्हे राजकरनी साबित हो सकते है। किसी बात की अगर धुन चढः जाये तो वारमवार उसी के पीछे दौडते है। इनकी आंखो मे शरारत नाचती है और जहां पूरी मित्रता निभाते है वहि शत्रु बन जाने पर भयंकर भी सिद्ध् हो सकते है। इन्हे अगर व्यसन लग जाये तो जल्दी छुटता नही। हर किसी को उसका स्थान जातकर वर्तन करने वाले होते है। ये बहुत् ही बुद्धिवान व्यक्ति होते है। होष्यार होने के बावजूद ये जरा अती स्पष्टवादी होते है। ये तामसि राशी है और स्वामि मंगल। ऐसे व्यक्ति आकर्षक होने के कारण चुम्बकीय गुण धारण किये होते है।


शारीरिक वर्णन : आप देखेंगे की ये व्यक्ति स्वभाव से सोउम्य होते है गोल चेहर, कुछः चपटि सि नाक, चोti तथा पिनि आंखे, निकला हुआ ललाट, उभरी हुई ठोडि,सिर के बाल काले, गंभीर आक्रति इनके व्यक्तित्व की परिचायक होती है।


कार्यक्षेत्र : ये पोलिस विभाग, सी आय डि, सिक्यूरिटि सर्विस, पेस्ट कन्ट्रोल, पोलट्री, जुगारी, प्रोजेकट् मेनेजर, सब् प्रकार की उग्र रसायन, फ़ताके, भट्टि के काम, खेती, खिलाडु, एन्जिनियर, डाकटर, शीक्षक, दार्शनिक, प्रोफ़ेसर्, रीडर, लेखक, कवि, नाटककार, नृत्यकार, गायक हो सकते है।


शरीर पर सत्ता : इस राशी की सत्ता शरीर के गुप्तेन्द्रिय, मूत्र नालिका, गर्भाशय से जुडी हुइ नलिकाए, फ़ेलोपियन त्युब्, गर्भाशय का अन्तर्भाग। जब् कभी हमे इस प्रकार के रोग होते है तो ज्योतिष मे इस राशी का बिगडना माना जाता है।

अन्त मे एक विशेष बातचित, कोइ भी राशी अपने स्वतत्व के गुणो को लिये हुए होती है परन्तु एक वेधनीय बात ये है की जातक के कुण्डली मे ये राशिया कितने अंशों की है और उसी पर बहुत् कुछः निर्भर करता है। और इसी से उसका व्यक्तित्व निखर कर आता है। अंश से जुडी हुइ जानकारी हम आने वले लेखो मे कभी लेंगे। इसलिये अभी तक की दी गयी जानकारी शत प्रति शत सही होने के उपरान्त भी हर व्यक्ति विशेष पर उसकी स्वतह् की जन्म कुण्डली के स्थितिनुसार उसका अंकन किया जा सकता है। सो "ऐसा केह् देना की फ़ला फ़ला राशी के व्यक्ति ऐसे ही होते है" ऐसा ध्यान रखने की अपेक्षा "ये राशी के व्यक्ति ऐसे हो सकते है" ऐसा ध्यान रखना ज्यादा उचित माना जायेगा। क्युकी ज्ञान बंधा हुआ नही है और ना ही हम उसे बांध सकते है। वो तो उमुक्त होकर विचरन करता है मेरे पास से आपके पास और आप से आगे की ओर, यह एक चक्र के समान है जो चलता रहेगा सो संकुचित व्रत्ति से किसी ज्ञान को ग्रहन करना हानिकारक होता है। बाकी आगे आप स्वतह् समझदार है।


सरिता कुलकर्णी

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Secrets series of Zodiac sign – Scorpio / Part 9

The Scorpio / Water Element / Female sign / Triplicity of stability
Lord of the Sign – Mars
Symbol – Scorpio


The Sanskrit meaning of this word Vrishchik is known as ‘Bichhu’ which means Scorpio. If we see minutely in the sky, we will notice the area of this signs displays exactly a figure similar to Scorpio. The persons of this signs are very loving and caring natured persons. But when times come they never step back to take the lives. It simply means that these people are very opportunists. We must have seen that so many people who are from this sign express their rights via the expression of love. Basically they are of very kind, motherhood, and devotious.


In the ancient book named Saravali it has been said-

vrishcik lagne purushah peen pruthuvyaaytaang teekshnashch
antarvishamah shuro maaturbheeshto ranoghtasyatyaagi .
gambheer pingloddhatdruksu mahanhannimagna jatharashch
antarveelagna ghonah saahas niratah thirashchandah
vishvaas haasya vashyah pittrugaartah kutumb sampannah
guru suhrudam droharatah parangnaakarshana nuratah
vandholvanvakshah syaadbhupati sevi sashatru paksyaat
prayatothd suyuvatidharma prati vatsalah kshudrah.


It means the persons born under this sign have health body, hefty, wicked, struggler, liberal, serious, yellowish eyes, broad bust area, shrinked stomach, bit flat nose, brave, stable, angry, trusty, loves jolly natured, whole family suffered from acidity, protester, beautiful face, king servant, controlled, rich, having beautiful partner, religious but cruel. But at this point Sadgurudev said that whatever weakness this sign consists but applied only when the degrees of first house is very low.


Well the prominent Scorpians are exactly like the scorpions in nature that always fulfil their revenge. They are always in such mode when they get chance and bounce back on them. They never forget their enmity and always remain in search of paying back. That’s the reason their upbrings stands so importance in their life. Well this thing becomes as important as with whom they are growing and which type of environment is getting them. Normally it happens with everybody but due this basic route of this sign this fact becomes more important for them. Therefore this sign leads to either Sant Gyaaneshvar else Hitler.


These persons are very hard working in their life. Accepting challenges and facing it with courage is their prime feature. They never depressed from their failures. Yaa but in some cases they act so possessively, stiffly and revengefully. If they decide anything then take relief breath only after accomplishment of it. Incantation, bribery, threat, guile the traditional means for any a king to attain his purposes, generally they implement this principle to accomplish their wishes. And for attainment of wish they can go up to any level. One more say just fit on them i.e. if it is straight to get then its fine otherwise there are many other ways to get things done.


Scorpians are bit political by nature. Rather they can explore themselves in politics in better way. If they wish to have somepaticular thing in their life then by hook or crook they get it. Were their notourious eyes play and fill the pure friendship at every level, there they can become enemy also as strongfull as they fulfil the friendship. Normally they don’t get used to any habbit but they caught trap in it then it becomes quite difficult to leave it. They have a quality of rating people and then behaving with them. They have a specific behavirol pattern. They are very studious, intelligent and spontaneous. They are so attractive and so their personality is magnetic.


Physical Attributes – You will notice these people are soft by nature having round oval shape face, bit flat nose, small but sharp spreaded eyes, forward forhead and chin, black hairs, serious personality.


Area of field: Normaly they do better in Police department, Security Service, Pest Control, Poultry, betting, Project Manager, All types of powerful chemicals, crackers, agriculture, Doctor, teacher, profeser, writer, poet, playwriter, dancer, singer etc.

The Scorpio sign resides on the body part like all genital organs and internal organ.

At last some important talks which has to be noted, while all signs have their own properties. But more importantly noticeable point is at what degree the signs placed in any horoscope as many thing rely on that only & that's how the personality of any persons come out and may get vary due to this difference degree levels. Well later we will see the information regarding the degrees of sign in upcoming articles. So whatever information till now had been given is cent percent correct. But still the rating or ranking is based on the intensity of degrees in horoscope. Therefore i would say sheer spelling out such words that this person like that is not the better way to observe or imbibe. Rather one can have the vision in such manner where it can be said that "may be he is like this" Expressing probabilities and confirming it are two different outlooks. it has logical background too. As we cant bound knowledge because it has a complete identity in itself. So grasping it by narrow mindedness is really harmful for brain..Rest you are smart enough.

Sarita S Kulkarni

Nakshtra Jyotish

Understanding Gandanta differently

My Observation and Interpretation of GANDANTA POINT These observations are based on Lunar Nakshtra transit.. The excercise still in pro...