Popular Posts

Friday, March 29, 2013

राशी शृंखला - तुला राशी / भाग 8

राशी शृंखला - तुला राशी / भाग 8

तुला राशी वायु तत्व की पुरुष राशी है।
चर राशि।
राशी का स्वामि - शुक्र
बोध चिन्ह : तराजू
अक्षर - रा रि रु रो रे ता ती तू ते

अगर हम राशि का बोध चिन्ह देखे तो सीधा सीधा अर्थ ये निकलता है तराजू सलग्न चित्र से तुला राशी का स्वरुप् जाणा जा सकता है। एक वणिक् जिसका बायां हाथ् डलिया पर है और दाहिने हाथ् मे तराजु लिये हुए है। विशेष बात तराजू के दोनो ही पलदे बराबर है जिस से इसकी न्यायप्रियता स्पष्ट होती है। अब हम जानेंगे की तुला राशी के जातक कैसे होते है। तुला राशी प्रधान जातक बहुत् ही बुद्धिवान, प्रज्ञावान, प्रगल्भ् विचारो के होते है। अक्सर देखा गया है की ये गमनशील् होते है। तुला लग्न प्रधान जातक न्याय प्रिय एवं आदर्श को सर्वोपरि महत्व देते है। प्रपन्च और परमार्थ् मे समन्वय साधने का प्रयत्न करते है। अष्टपहलु के ये जातक सदेव बाह्य जगत मे रमते है। और दूसरो को अपना सा कर लेते है।

आप देखेंगे की ये व्यक्ति धार्मिक रुढियों से से ग्रस्त रहते है और सामाजिक संस्कारो से चिपके रहते है। दुसरे शब्दो मे ये काहा जा सकता है की ऐसे व्यक्ति विद्रोहि नही हो सकते, एकदम से सर्वथा नवीन पथ स्वीकार नही सकते। ऐसा काहा जाता है की वृषभ मादक तो तुला साधक। वृषभ भोगीवादी तो तुला भक्तिवादि। ऐसी तुलना इस वजह से क्योकि ये दोनो रशियों के स्वामि शुक्र ग्रह है। आप मेहसुस करेंगे की इन लोगों की बातचित मे बिल्कुल बि तडक भडक पन नही होता। इन्हे आवाहन स्वीकारना बहुत् पसंद है। परिस्थिति का सामना बडे ही सकारात्मक और शान्ति के साथ् करते है। जैसा की मैने काहा की इनका अष्टपाहिलु का व्यक्तित्व है ठीक उसी प्रकार ये हर स्थिति का विचार संपूर्ण विविध दृष्टिकोणो से करते है।।

रचनात्मक कार्यो मे इनकी प्रव्रत्ति ज्यादा रमती है। धार्मिक सभा, संगठन, चन्द संग्रह करना, जाती के लिये कार्य करना, निस्वार्थ सेवा एवं भलाई के कार्यो मे अग्राणि रहते है। वैसे जो भी समय इनके पास बचत है वह अधिकतर इन्हि कार्यो मे व्यतीत कर देते है। आप के ध्यान मे कभी ऐसे व्यक्ति आये होंगे की जब् तक कोइ बात उन्हे पुरी तरह सिद्ध् नही हो जाती तब् तक उसे अपनाएंगे नही। ये दूसरो की भावनोओ का खयाल रखते है। ज्यादातर वादविवादो से बचते है। इन व्यक्तियो के दिल मे क्या है? उसका पता कोइ नही लगा सकता। हृदय मे रिक्तता होने पर भी चेहरे पर सदेव मुस्कुरहत बनाये रखते है। इनके चेहरे से कोइ पूर्वाभास कर लेना कठिन हो जाता है।

अप देखेंगे की ऐसे व्यक्तियों की सबसे बडी विशेषता यह होती है की ये मनुष्य को तुरन्त पेह्चान लेते है। ये सहज ही मन ही मन भांप् लेते है, की सामने वाले के मन मे क्या है। या ये मेरे लिये कितना साधक या बाधक हो सकते है। मानव निरीक्षन मे ये पारखी होते है। अधिकतर ऐसे व्यक्ति "सेल्फ़ मेड" होते है।

शारीरिक वर्णन - अप देखेंगे की ऐसे व्यक्ति माध्यम कद को लिये हुए, सुन्दर, कुछ लम्बा सा चेहरा, गेहुआ रंग, माध्यम स्तर के नक नक्श, चतुर, बातचित करने मे प्रवीन, विपक्षी को अपनी बाते समझाने मे माहिर और हंसमुख। उठा हुआ ललाट, सुन्दर सोउम्य आंखे, उभरा हुअ सीन एक स्वस्थ भुजाये इनके व्यक्तित्व मे देखी जा सकती है।

कार्यक्षेत्र - तुला व्यक्ति सुन्गधित वस्तुओ का व्यापार, रेशम व्यवसाय, तन्त बनाना या बजाना, वकील, न्यायाधीश, मानसशास्त्र, शीक्षक, आयोजक।

शरीर पर सत्ता - तुला राशी शरीर के किड्नी, कमर, गर्भाशय पर अमल करती है।


सरिता कुलकर्णी

******************************************************************

Secret series of Zodiac signs - Libra / part 8

Libra Sign/Air element/male sign/movable sign
Sign Lord - Venus
Symbol - a pair of scales or balance

If we minutely observe the symbol of this sign, we ll find the picture denoting a pair of scales or a balance. A merchant holding holding small basket in left hand and a pair of scale in right hand.. The special thing is both the sides of pair is equal which reflects justice. Now we will see the information about this sign. Well librarians are so intelligent, knowledgeable, bold , confident , skillful by thoughts. Usually they found to be roamer. Prominent Librarians are justice lover and idealistic and they give more importance to it in their life. They can easily makes balance between in worldly affairs, entanglement and spiritual thoughts. They are versatile which involves in outer world and becomes lovable for everyone easily.

You must seen some of them are terribly affected by traditional foundations and stay stick to societal limitations. In other words these persons cant protest and could never follow altogether different field suddenly. In short they need time to think and do action over it. Our old scholar people used to say If Taurus is considered as narcotic then Libra is ascetic. Again if Taurus is gratification then Libra is devotional ism. As both the signs comes under the lord of same planet i.e. Venus. You can feel that the talking skills of Librarian is so sophisticated and soft. They like to accept challenges in their life. They have the art to tackle any situation with positiveness, patience and peace. As i said Librarians are so versatile so the same angle of versatility is notice in every situation handled by them.

Well they are so artistic and like to stay in that world more. They are always forward in the work like devotional meetings, to collect charity, to work for religion, social work and kindliness. By the way whatever time they left with used to spend on such type of things only.You must have observed those people who do not accept the fact until its not proven. I mean they need logic to accept the fact. They always do take care of others emotions. Most of the times they try to save or escapes themselves from controversial situations. You cant figure out whats on their mind.
Apart from their emptiness or loneliness there faces are always smiling..

You will notice the most prominent feature of these people is they have a quality of recognize people. They can easily make out like whether front one is good for him or not.They are generally considered as "Self made persons".
Physical Attributes - You will notice Librarians are generally of medium hieght, long face, Wheaties color, witty, skillful, artistic and jolly natured persons. Prominent forehead, beautiful eyes, forward chest, healthy shoulders are part of their impressive personality.
Work Area -Librarian generally do well in the business of fragrances, perfumes, silk, making musical instrument and playing them, lawyer, psychology, Teachers, Manager.

The Libra sign resides on the kidney, waist and uterus.

Well at the end of this article i just want to inform u again that this information sheer translation of hindi article and the information is based on Indian Astrolgy.

Sarita S Kulkarni



Thursday, March 14, 2013

राशी शृंखला - कन्या राशी / भाग 7 (with English Version)


Dear all, In this article i have posted English version as per demand.. and for every possible article i will try to provide in both the languages for our seekers.


राशी शृंखला - कन्या राशी / भाग 7

कन्या राशी पृथ्वी तत्व की स्त्री राशी है।
द्विस्वभाव् राशि।
राशी का स्वामि - बुध
बोध चिन्ह : नौका विहार करती हुइ कन्या एक हाथ् मे भूटटा और दुसरे हाथ् मे दीया लिये हुए ।
अक्षर - प ठः ण
 ज्योतिष के प्रधान ग्रन्थ्, "सारावली' - मे राशियो का स्वरुप् स्पष्ट करते हुए काहा है -

कुम्भ कुम्भ्धरो नरोथक मिथुनं वीणा गदाभृन्नरो
मीनौ मीनयुगं धनुश्च सधनुः पश्चाच्छरीरो हयः।
एणासयो मकरः प्रदीप सहिता कन्या च नौ संस्थिता
शेषो राशिगणः स्वनाम् सदृशो धत्ते तुला भृत्तुलाम।।

ऊपर् प्रत्येक राशी का स्वरुप् स्पष्ट किया है, जिसमे राशी के बारे मे काहा है -

'प्रदीप सहिता कन्या च नौ संस्थिता' अर्थात हाथो मे दीप लेकर नौका पर बैठी हुइ कन्या के सदृश'।

 कन्या लग्न या राशि प्रधान लोग सौन्दर्यवान्, प्रकृति पर प्रेम करने वाली व्यापारी वृत्ति के होते है। कन्या राशी के व्यक्ति जरुरत से ज्यादा चिकित्सक होते है। आप देखेंगे की कन्या राशी के व्यक्ति बडे ही संशयी और किसी भी बात का पेहले नकारात्मक विचार करते है। इन लोगो को दूसरो के दोष सहज ही दिख जाते है। छोटि छोटि बातो से घबराना, चिन्ता करने वाली ये व्यक्ति स्वतह् ही संकट ओढ लेते है इसी कारण ये किसी भी पल को दिल्खुलास होके जी ही नही पाते । इसी अस्थिरता के कारण इनके मस्तिष्क मे अलग विचार होते है और क्रति कुछ और हो जाती है। इनके मन का थान्ग लगाना असान नही।

कन्या राशि के व्यक्ति बहुत् ही बुद्धिवान होते है फिर भी ये अपनी ही किसी तन्द्रा मे मग्न रेह्ते है। आप लोगों ने कभी ध्यान दिया होगा की कन्या के जातको का सौन्दर्य चिर काल तिक्ने वाला और नैसर्गिक है। इसी कारण ये व्रद्धाप्काल् तक तरुण एवं तरोताजा दिखायि देते है। इस का एक और कारण भी है की कन्या राशी का स्वामि बुध है। और बुध ग्रह को बालिश अथवा अपरिपक्व की संज्ञा दि है। कन्या राशि ये प्रक्रति की सबसे लाड्ली राशि है। एक और ध्यान मे रख्नि वाली बात की इनकी सुन्दरत खानदानी होती है गर ये रोगग्रस्त हो भी जाये तो नैसर्गिक उपचार या खानपान इन्हे ज्यादा जल्दी अच्हा कर सकते है।

ज्योतिष के अध्येताओ ने ऐसा काहा है की अगर मिथुन राशी मस्ति या छेडने मे तो कन्या राशि व्याख्या करने मे महीर होती है। इन्हे समीक्षक का कार्य बडी खूबी से जमता है। ये मौसमि बदलाव से होने वाले रोगो से बहुत् जल्दी ग्रस्त हो जाते है। आप देखेंगे की आप के आस पास ऐसे कै लोग है जो अपने जोदिदारो के साथ् एवै नोक झोक या चिड चिड करते रेहने की आदत इस राशी मे भी है। इस राशी के जातको को अपने काम खुद करने मे अच्हा लगता है। या व्यक्ति जरा लोभी किस्म के, संसार्सक्त घर पर रामने वाले होते है। नये नये प्रकार के व्यन्जन को बना कर देखना इन्हे बहुत् पसंद है। एक ही जगः स्वस्थ बैठ जाये ऐसा नही हो सकता, घुम्ते रेहन इनके स्वभव् मे है।

अब आप जरा सोचे की कितने ही ऐसे व्यक्ति हमारे सम्पर्क मे आते है जो बैठे बैठे पैर हिलाना या उन्गलियो को मरोडना ऐसी किसी आदत के आदि होते है वह इसी राशी का गुण है। बहुत् ज्यादा सोच विचारने की या चिन्तित रेहने की आदत इन्हे मानसिक रोगओ की तरफ़् ले जाती है। ये शुद्धता प्रिय राशी है साधा सात्विक आहार, शुद्ध पानी, खुली हवा इन्हे बहुत् भांति है। इन्हे घुम्ने का बहुत् शौक् होता है। एक निश्चित ध्येय और जीवन की विशेष परिपाटि होती है। न्यायप्रियता मे इनकी गेह्रि आस्था होती है। स्त्री तत्व प्रधान होने के कारण उन्मे स्त्रियोचित कोमलता सहज ही पायी जाती है। ये व्यक्ती ईमान्दार् होते है यदा कदा भटक जाने के बावजूद ये पुनः इसी रास्ते पर लौट आते है।

प्रेम के क्षेत्र मे ये व्यक्ति भावुक होते है। अपना सर्वस्व देने के लिये हिचकिचाहट अनुभव नही करते। मित्रता के नाम पर ये बडे से बडा त्याग करने को प्रस्तुत हो जाते है। इस प्रकार के व्यक्ति सफ़ल् प्रेमी, सफ़ल् कवि, सफ़ल् दार्शनिक और सफ़ल् मित्र साबित हो सकते है। लेहरि किस्म के होते है।

शारीरिक वर्णन - कन्या राशी के व्यक्तियो को आप पेह्चान सकते है इनके सुनह्रे रंग रक्तता लिये गेहुए रंग भी हो सकता है। माध्यम कद, तीखे नाक नक्श, सुन्दर बनावट, उन्नत ललाट, पैनी लम्बी काली आंखे, पातला और तीखा उठा हुआ नाक, पतले पतले होंठ और उभरि हुइ ठोडि इनके व्यक्तित्व मे देखी जा सकती। ये बडे ही हंसमुख, चतुर और सफ़ल् मित्र सिद्ध् होते है।

कार्यक्षेत्र - कम्प्युटर इन्जिनीयर, सि ए, अर्किटेकचर, डोकटर, रिसर्च, पाश्चात्य भाषा, क्वालीटि कनट्रोल, बुध ग्रह का अमल वाणी पर हो ने कारण वकील पेशा, कवि, लेखक, राजनीति, लीडर इत्यादि।

शरीर पर सत्ता - कन्या राशी शारीर के भाग जैसे पेट, छोटि वा बडी आंतडि, पाचन संस्था।


सरिता कुलकर्णी

*********************************************************************************

Secret Series of Zodiac Signs - Virgo / Part 7

Virgo belongs to earth element and Triplicity female element.
Dual nature sign,
Lord - Mercury
Symbol - The young girl sitting on a boat holding a lamp in one and on other a corn.
Alphabet - P T N

In one of the most ancient books of astrology named " Saaraavali" while mentioning the forms of signs they have defined it in a Shloka....

kumbh kumbhadharo narothak mithunam veena gadaabhrunnaro
meeno minyugam dhanushch sadhanuh pashchaachriro hayah.
enaasayo makarah pradeep sahitaa kanya ch nau sansthitaa
shehso raashiganah swanaam sadrusho dhatte tula bhruttlaam..

Above is the explanation of each sign where it has been said - 'pradeep sahitaa kanya ch nau sansthitaa' means a scene where in young girl sitting on a boat and holding a lamp in a hand. Virgo in first house or considered as prime sign in the horoscope and signifies the beauty, shower er of love on nature and a business minded people. They are too much analytical by nature. You will find these people as suspicious and a negative minded. They have a habit of noticing negative side of anything first. They can easily find faults in others. Scaring or taking tension of small small things are their part of nature. Due t to this they themselves invite troubles for them because of such habit. And this cause to the suffocation in their mind and they are not able to live every moment of life. Well I must its hard to judge or read their mind.

Well Virgo persons are very brainy and intelligent. And they like to live in their own created world. Sometimes you may have noticed that these people looked so pretty and their beauty last long for long duration and it’s natural. That’s the reason virgoes look young by their age even in their old days they look youthful and fresh. One more reason behind this fact is that the lord of this sign is Mercury. And planet mercury is known as for communication, youthfulness and immaturity. Anyways this sign is the most adorable sign of nature. One more noticeable point is their beauty is hereditary. If they get victim of any disease, then natural remedy is best for them. Besides from medical treatment the homemade food items are more suitable for them.

By the way the scholars of Astrology had been said that if Gemini is known for its teasing quality then on other side Virgo are knows as for their defining quality. Because of habit of critical acclaims and analysis they can be good editors. They get affected by the changes is weather as they are very vulnerable. You must have seen that some people have an habbit of making or creating issues all the time with their loved ones.. Might be they have a habbit of taking their close people for granted. These people are little bit self cenntered, materialistic and happily wander at home. Making new dishes are their hobbies. Haaa they can sit at one place for more time. As roaming here there is in their habit.


Now just imagine how many people you have found or come in our connection who have a habit of shaking their legs or playing with fingers belongs to same sign. Don’t get surprise as this is the sign of little bit nervousness. Because of excess thinking they can lead to mental sickness or diseases related to brain. Well they like purity. Simple veggie food, pure drinks, opened fresh air are their likings. They are very fond of travelling. They have a strong and desirous ambition in their life and on time to time they step forward towards it. They like justice. Because of prominent triplicity of Female element they are delicate darlings. They are hones human beings and any time if they wandered would come back towards same motto.


In the field of Love they are too sensitive. They get ready to sacrifice everything and don’t hesitate. This type of persons may get success in poetry, philosopher, and successful lover and a friend too.

Physical Attributes – You can easily recognise Virgo persons by their attractive looks and beauty. Their goldenish wheatish complexion, medium height, sharp nose, beautiful liplines, broad forehead, long sharp eyes, thin but prominent nose and highlighted chin can be seen in their personality. They are very jolly natured and can become intelligent friend.

Area of work field: They can be computer engineer, C A, Architecture, Research, Western Languages, and Quality Control, doctors, because of Lord Mercury the field of communication, lawyer, writer, poet, leaders and politics too.

Physical parts on which Virgo sign emphasise: Stomach, small and large intestine and digestive system.

Well, let me clear one thing here this information is purely based on Indian Astrology and this is a sheer translation of it. So kindly don’t compare it with western astrology. About western astrology we will see articles in future.

Sarita S Kulkarni


Tuesday, March 5, 2013

राशी शृंखला - सिंह राशी / भाग 6


राशी शृंखला - सिंह राशी / भाग ६

सिंह राशी अग्नि तत्व की पुरुष राशी है।
स्थिर राशि।
बोध चिन्ह : सिंह
राशी स्वामि : रवि
अक्षर : म ल ट

 सिंह का सीधा सादा ताथ्पर्य 'वनराज'। ठीक शेर सी इनकी प्रव्रत्ति इस प्रकार के जातको मे पायी जाती है। जिनकी सिंह राशी प्रधान होती होती है वे अत्यन्त गरम स्वभाव् के होते है ' क्षणे रुष्टा क्षणे तुष्ट' वाक्य इनके जीवन पर पूर्ण रूप से लागू होता है। अपने देखा होगा की किस प्रकार इस राशि के जातक कायदे से बंधे हुए होते, शिस्त प्रिय, कडक, न्यायप्रिय होते है।

कायदे के चौखट मे रेहकर नियम पालन कर्ता होते है। इनकी तो ये भी अपेक्षा होती है की दुसरे भी उन नियमो को पालन करे। इन्हे इनकी मर्यादा रेखा भली प्रकार से पता होती है। नही वो तत्व संभालकर रखेन वाले सिंह राशी के जातक बडे ही रूक्ष, कायम अक्रामक स्वरुप् धारण किये होते है। आप देखेंगे की ये हमेशा नियम कानून की उन्ग्ली पकद के चलते है। सो लोगो मे ये अप्रिय से हो जाते है। क्यो की हमेशा नियम कानून हार कोइ नही चल सकता।

मेष राशी की आक्रामकता या व्याव्हारिक्ता उनके फ़ायदे के लिये होती है तो सिंह तत्वो के लिये होती है। अत्यन्त कडी गरदन से जगने वाले ये सिंह राशी के व्यक्ति आती तत्वनिष्ठ होते है किसी के आगे झुकने की इन्मे वृत्ति नही होती लेकिन अपने सामने झुके या हमारी सुने ऐसी अपेक्षा जरुर होती है। आप देखेंगे अक्सर हमारे वरिष्ट अधिकतर ऐसे ही होते है जिन्हे अपनी स्तुति सुनना तो बेहद पसंद होता है लेकिन किसी और की स्तुति करना बनता नही। लेकिन यदि किसी की स्तुति गर ये कर दे तो उसे दिल से स्वीकर् करते है।

सिंह जातक कर्तव्यदक्ष, उदार व निष्टावान होते है।ये झुट का सहारा कतैइ नही लेते और ठिक वैसे ही बर्दष्ट भी नही करते। आप देखेंगे ये व्यक्ति प्रचण्ड् ओपचारिक होते है। इनकी जीवन्शक्ति उत्तम होती है।वैसे स्वयम् मे ये जातक आलसी या सुस्त होते है । कुचः इस प्रकार की वृत्ति होती की जब् तक सिर पर कोइ काम आकार न पड जाये ये उसके लिये सोचते ही नही। "आज का काम कल" या 'यो तो हो ही जायेगा" जैसे सिद्द्धन्त इन पर सुसज्जित होते है। दूसरो पर ये आती विश्वास करते है लेकिन उन संशय की दृष्टि भी रखते है। इसलिये चौकन्ना रेहने का इनका स्वभाव् होता है।

सद्गुरुदेव लिखित एक और तथ्य ये है की जिसे जीवन मे ये अपना लेते है, उसके प्रति पुरे ईमान्दार् रहते है तथा मित्रता के नाम पर अपना सर्वस्व तक अर्पन करने को तयार हो जाते है। फिर भी सहज ही इन के वचनो पर विशवास नही किया जा सकता। धार्मिक रुढियो को ये दृढता से मानते है और उन पर गेह्रि आस्था भी रखते है।

'मान सागरि' मे इनके बारे मे कहा गया है की --

सिंह लज्ञोदये जातो भोगी शत्रु विमर्दकः।
स्वल्पोदरोल्प पुत्रश्च सोत्साहो रण विक्रमी।।

अर्थात जिस जातक मे सिंह तत्व प्रधान होता है वह शत्रुओ का मर्दन करने वाले होते है, प्रबल भोगी, उदर छोटा, अल्प संतति, उत्साः के साथ् रण मे पराक्रम दिखाने वाला होता है।
ना ये अन्याय सहन करते है ना करने देते है।

शारीरिक वर्णन: आप देखेंगे सिंह राशी के व्यक्ति मध्यम कद लिये हुए, मजबुत बाहु, चेहरे पर विशिष्ट तेज, थोडी सतेज या रूक्ष कान्ती हो सकती है। ऐसे व्यक्ति स्वस्थ शरीर एवं सुदृढ व्यक्तिवा के होते है। इन्मे चुम्बकीय अकार्षण होता है जिस की वजह् से इनके मित्र जल्दी बन जाते है। गेहरी नीली या काली आंखे, भोहो पर घने बाल, घुंगराली केश राशि।

कार्यक्षेत्र :- अब हम देखते है की सिंह राशि के व्यक्तियो के लिये कार्यक्षेत्र - आरोग्य विशेषक, पेरा मेडिकल , तेक्नीशियन, राजकारन, समाजकारन, स्वतन्त्र व्यवसाय, इनजिनीयर, विज्ञान शाखा, प्रबंधन, पोलिस, सेना, सरकारी अधिकारी, थानेदार, सुप्रिटेंडेंट पोलिस विभाग मे, मेजर, कर्नल, संशयालु प्रव्रत्ति होने की वजह् से सफ़ल् गुप्तचार, गुरु कारक होने पर दार्शनिक भी होते है, लेक्चरर, प्रोफ़ेसर् इत्यादि।

शरीर पर सत्ता : आरोग्य के द्रिष्टिकोन से सिंह राशि का प्रभाव हृदय, पीठ, पेट का दहिना भाग, स्त्री की गर्भधारन क्षमता।

सिंह राशि का अधिपति रवि होने की वजह् से रत्न माणिक है। इसे धारण किया जा सकता है लेकिन रत्नो के मामलो मे बहुत् सतर्कता से सावधानी से निर्णय लेना चाहिये। ऐसा जरुरी नही की जो निर्धारित रत्न ग्रहो और राशियो के है वो उठा के पेहेन लिये। ऐसी गलती कभी ना करे। क्यो की रत्नो का प्रभाव निश्चित और अचूक है बशर्ते वह प्रमाणित हो लेकिन सिर्फ़ यहि तथ्य धारण करने के लिये काफ़ि नही। कुण्डली मे कोन्से ग्रह की स्थिति कैसी है, दशा विचार और कुण्डली का गहन अध्ययन की आवश्यकता है। हम ग्रहो की, रत्नो की, उप्रत्नों की विस्तृत जानकारी आगे आने वाले लेखो मे लेंगे। सिंह राशि के जातको को लाल रंग के वस्त्र धारन करने चाहिये। ये इनके लिये अनुकूल है। हम आने वाले लेखो मे एक नयी कडी "ज्योतिष और तन्त्र " देखेंगे जिसमे कैसे हमारे आस पास विचरन करने वाली राशि रुपी व्यक्ति कैसे हमारे लिये अनुकूल हो सकते है और बहुत् कुछ। ऐसी कोइ विधा या ज्ञान नही जो सद्गुरुदेव जि से अछुता रहा हो। समय समय पर इसी ज्ञान रुपी गंगा को आपके समक्ष राखति जाऊगीं।

 सो अगली राशि अगले लेख मे नये रहस्यो के साथ्.....

सरिता कुलकर्णी

Nakshtra Jyotish

Understanding Gandanta differently

My Observation and Interpretation of GANDANTA POINT These observations are based on Lunar Nakshtra transit.. The excercise still in pro...