वास्तु, भाग्य और शेयर बजार....
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भाग्य मनुष्य के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हमारे अथक प्रयासों के बाद भी हमें मनचाही सफलता नहीं मिलती. कहा जाता है –
“भाग्यं फलती सर्वदा न च विद्या न च पौरुषम”
ना केवल मनुष्य अपितु प्रत्येक वास्तु पर पंचतत्वो का नियंत्रण है. जब हम किसी कार्य को करते है और अपना सौ प्रतिशत झोंक देते है फिर भी हमें वो फल नहीं प्राप्त हो पाता जो हम चाहते है या हमें मिलना चाहिए. ऐसा तो सभी को अनुभव हुआ होगा की बचपन में जब हम अपने मित्रों के साथ पढते हे किसी परीक्षा की तयारी करते है तो उतना ही समय हम भी देते है जितना वो देता है उतना ही श्रम हम करते हे जितना की वो. फिर ऐसा क्या हो जाता है की किसी कारण वो हमसे आगे निकल जाता है और हम पीछे रह जाते है. ये खयाल तो उसे ही आयेगा जिस पर गुजरती है जो पीछे रह जाता. फिर एक समय बाद हम ये कह कर छोड देते है की भाग्य में ही नहीं था यार... है न
साधनाओ के माध्यम से तो हम इस कमी को निश्चित भर सकते हे. लेकिन हर कोई साधना नहीं कर पाता. ये भी तो उतना ही सच है. तो ऐसे में हम कुछ विशेष बातो का ख़याल रख के कम से कम सावधानी बरत ही सकते है.
आजकल अधिकतर व्यक्ति अपनी जमापूंजी शेयर में लगाते है. जो व्यक्ति शेयर में पूंजी लगाना चाहते है उन्हें सबसे पहले ये देखना चाहिए की वे किस तत्व के पदार्थ से लाभप्राप्ति कर सकते है तब उसी पदार्थ को निर्मित करने वाली कंपनी के शेयर आदि ले लेता है तो उसे लाभ मिल सकता हे अन्यथा परिणाम तो आप जानते ही है...
इसका निर्धारण हम राशियों से कर सकते है.
1) मेष, सिंह और धनु राशियाँ अग्नि तत्व से संबंधित है. उन्हें अग्नि तत्व के पदार्थो से लाभ हो सकता है जैसे बिजली के उपकरण, मशीने, लकड़ी इत्यादि.
2) वृषभ, कन्या और मकर रशिया भू तत्व से संबंधित है तो सड़क निर्माण, खदानों का कार्य, खेती कार्य से लाभ
मिल सकता है.
3) मिथुन, तुला और कुंभ राशि वायु तत्व से संबंधित है तो पंखा, कूलर, स्प्रे, अगरबत्ती, इत्र, हवाई जहाज, पतंग, गुब्बारे इत्यादि से लाभ हो सकता है.
4) कर्क, वृश्चिक और मीन राशि जल तत्व से संबंधित है तो द्रवीय वस्तुओ के निर्माण से व व्यापार करने से लाभ होगा जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, दूध, घी, तेल, पारा, शराब, आइसक्रीम इत्यादि.
जब भी ग्रह जातक के भाग्य में भ्रमण करते हे तो वे उसका साथ निश्चित देते है. अब यह जातक पर निर्भर हे की वह कितना चाहता है? भाग्य का सहयोग हमारे जीवन के अभावो को कम करता है. लेकिन हम कितना भाग्य को अपने प्रति आकर्षित करते है? अब चुनाव तो हमें ही करना है की हम समय को कोसने में व्यर्थ करे या इन बातो को ध्यान में रख कर सही चयन कर निश्चित सफलता प्राप्त करे.
सरिता कुलकर्णी